Param Pita Ki Hum Stuti Gaaye - Lyrics
Param Pita Ki Hum Stuti Gaaye
परम पिता की हम स्तुति गाये
वो ही है जो बचता हमे
सारे पापों को करता क्षमा
सारे रोगों को करता चंगा
1. धन्यवाद दें उसके आसनों में
आनंद से आये उसके चरणों में
संगीत गाके खुशी से
मुक्ति की चट्टान को जय ललकारे
2. वो ही हमारा है परम पिता
तरस खता है सर्व सदा
पूरब से पश्चिम जितनी दूर
उतनी दूर किये हमारे गुनाह
3. माँ की तरह उसने दी तस्सली
दुनिया के खतरों में छोड़ा नहीं
खालिस दूध कलाम का दिया
और दी हमेशा की जिंदगी
4. चरवाहे की मानिन्द ढूंढा उसने
पापों की कीच से निकाला हमे
हमको बचाने को जान अपनी दी
ताकि हाथ में हम उसके रहे
5. घोसले को बार बार तोड़कर उसने
चाहा की सीखे हम उड़ना उससे
परो पर उठाया उकाब की तरह
ताकि हमको चोट न लगे
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